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Tuesday 2 August 2016

Special post by javed akhtar from ashq dayri

तमाम गजल अधूरी सी लगती है,
इन दिनों तुमसे दुरी सी लगती है !!
हर इक नज्म में तुम्हारा ही जिक्र,
शायर की कोई मजबूरी सी लगती है
तुम्हे भूल जाना इतना आसां नही है,
तूं धड़कनों के लिए जरूरी सी लगती है
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