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Tuesday 9 August 2016

Desh bhakti poem in Hindi 2016

दौलत ना अता करना मौला, शोहरत ना अता करना मौलाबस इतना अता करना चाहे जन्नत ना अता करना मौलाशम्मा-ए-वतन की लौ पर जब कुर्बान पतंगा होहोठों पर गंगा हो, हाथों में तिरंगा होहोठों पर गंगा हो, हाथों में तिरंगा होबस एक सदा ही सुनें सदा बर्फ़ीली मस्त हवाओं मेंबस एक दुआ ही उठे सदा जलते-तपते सेहराओं मेंजीते-जी इसका मान रखेंमर कर मर्यादा याद रहेहम रहें कभी ना रहें मगरइसकी सज-धज आबाद रहेजन-मन में उच्छल देश प्रेम का जलधि तरंगा होहोठों पर गंगा हो, हाथों में तिरंगा होहोठों पर गंगा हो, हाथों में तिरंगा होगीता का ज्ञान सुने ना सुनें, इस धरती का यशगान सुनेंहम सबद-कीर्तन सुन ना सकें भारत मां का जयगान सुनेंपरवरदिगार,मैं तेरे द्वारपर ले पुकार ये आया हूंचाहे अज़ान ना सुनें कानपर जय-जय हिन्दुस्तान सुनेंजन-मन में उच्छल देश प्रेम का जलधि तरंगा होहोठों पर गंगा हो, हाथों में तिरंगा होहोठों पर गंगा हो, हाथों में तिरंगा हो

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