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Thursday, 21 July 2016

Zindagi adhUri si rah gai

ना जाने क्यों अधूरी सी रह गई जिंदगी मेरी..
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लगता है जैसे खुद को किसी के पास भूल आयाहूँ...
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✍~javed-akhtar~

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