इश्क़ की दुनिया है जनाब
यहाँ कुछ भी हो सकता है...
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दिल मिल भी सकता है
और खो भी सकता है...
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जिसे तुम चाहते हो
किसी और का भी हो सकता है...
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तुम समझो इबादत
वोह गुनाह भी हो सकता है...
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बेपनाह मोहोब्बत का
मामूली हाल भी हो सकता है...
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दोस्त समझो जिसे
वोह रकीब भी हो सकता है...
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जाम समझो जिसे
वोह ज़हर भी हो सकता है...
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सुकून समझो जिसे
वोह कहर भी हो सकता है...
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अपना समझो जिसे
वोह सपना भी हो सकता है...
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इश्क़ की दुनिया है जनाब
यहाँ कुछ भी हो सकता है...
~javed-akhtar~
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