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Saturday, 30 July 2016

Sad shayri in hindi by ashq Dayri 2016

इतनी ठोकरे देने के लिए शुक्रिया ए-ज़िन्दगी,
चलने का न सही सम्भलने का हुनर तो आ गया ।
Javed akhtar

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