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Thursday, 21 July 2016

Luv U

मेरी सारी कहानी का आगाज़ तुझसे है
हर बात पुरानी का ताल्लुकात तुझसे है..

मैं हर जगह तेरी वजह बेखोफ़ रहता हूँ
मेरा कल भी तुझसे था मेरा आज भी तुझसे है..

मैं मदहोंश तेरे इश्क में आवारगी करता हूँ
ऐ रूहनशी ! ये बदला मेरा अंदाज़ तुझसे है..

यूँ हर तरफ बेशक तेरी आहट मैं सुनता हूँ
मैं क्या कहूँ और क्या सुनु हर अल्फाज़ तुझसे है..

तेरी शोहबत में शाहजहाँ हुआ मैं
मेरी मुमताज़ तू ही है, मेरा ताज़ तुझसे है..

~javed-akhtar~

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