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Sunday, 26 June 2016

THINK ABOUT TIME.

कल तक उड़ती थी जो मुँह तक।
आज पैरों से आकर लिपट गयी ।
चंद बूँदे क्या बरसी बरसात की।
धूल की फ़ितरत ही बदल गयी ।।

Javed akhtar

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